अथाई रोड राधा कृष्ण मंदिर के पीछे, आम चौपरा, जबलपुर नाका दमोह
98935-74877

आत्म निर्भर बनना है

अधिक पढ़ें

आत्म निर्भर भारत बनाना है

अधिक पढ़ें

ये वतन सोने की चिड़िया है भारत को विश्व गुरु बनाना है

अधिक पढ़ें

राजा किशोर सिंह

राजा किशोर सींग लोधी सन् 1857 की क्रांति के सूत्रधार रहे देश को आजादी दिलाने में हिण्डोरिया के राजा किशोर सिंह लोधी ने अंग्रेजी सेना से अपनी वीरता का लोहा मनवाया था । अपने प्राणों का बलिदान देकर मातृभूमि की रक्षा की थी ।
दमोह जिले में हिण्डोरिया नगर पालिका है जिसकी जनसंख्या लगभग 30000 है । हिण्डोरिया से लगभग 80 गांव लगे हुये 10 कि.मी. अंदर पहाड़ी है जहां आदीवासी बाहुल्य इलाका है । हिण्डोरिया में थाना और उप तहसील का न्यायालय स्थित है ।

राजा किशोर सिंह लोधी की स्मृति में “प्रबोधिनी किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड” यहां से युवा युवतियों किसानों मजदूरों रेडी पटरी वाले सिलाई, कड़ाई, बुनाई कारीगरों एवं शिल्पकारों मजदूरों भूमिहीन किसान एवं लघुसीमांत और छोटे कृषकों को भारत सरकार की सभी योजनाओं का लाभ हुये रोजगार उपलब्ध करा रही है । प्रबोधिनी किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड भारत सरकार • किसानों की आय को दोगुना करने में प्रयासरत है।

अधिक जानकारी
Image
कृषि

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं

Image
नवीन कृषि प्रणालियाँ।

प्रबोधिनी फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी में पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन इत्यादि भी शामिल हैं जो भोजन के अन्य उत्पाद जैसे दूध, घी, दही, अंडे, इत्यादि प्रदान करेंगे, जो पोषक भोजन की आपूर्ति करने के मैं मदद करता है। इस प्रकार हमारे किसानों ने फसल उगाने के साथ-साथ उपरिलिखित कृषिकल्पों को भी अपनाया है।
कृषि की वह शाखा जो पालतू पशुओं के पालन, पोषण व देख-रेख से सम्बन्धित है, पशुपालन कहलाती है। पशुपालन आधुनिक कृषि का एक अभिन्न अंग है क्योंकि दूध, घी, अण्डा जैसे महत्त्वपूर्ण खाद्य पदार्थ हमें पशुओं से ही मिलते हैं।

मुर्गीपालन की कृषि (Poultry)
मुर्गीपालन शब्द का प्रयोग बत्तख व मुर्गियों जैसे पक्षियों को, उनसे अण्डे व मांस पाने के लिये उनकी देखरेख और पालन की कृषि है।
मधुमक्खी पालन (Apiculture)
एपीकल्चर (मधुमक्खी पालन) को मधुमक्खी पालन के नाम से जाना जाता है। यह बड़ी मात्रा में मधुमक्खियों से निकाले गए मधु के निर्यात के लिये, मधुमक्खियों के समूहों (कॉलोनियों) की देख-रेख व नियंत्रण है।

महिलाओ के आर्थिक सशक्तिकरण की ओर बढ़ते हुए।

आजकल की महिलाएं यह बहुत अच्छे से समझती है कि वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होना कितना जरूरी है. उनके लिए उनकी आर्थिक स्वतंत्रता एक बहुत महत्वपूर्ण उपकरण है.
इस बात को ध्यान मै रखते हुए, प्रबोधिनी फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी ने गांवों और शहरों की लगभग 4000 महिलाओं को अपने साथ जोर कर उन्हे आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने का मौका दीया है।
हमारी कम्पनी सारी महिलाओं के लिए उनकी प्रतिभा दिखाने और उससे पैसे कमाने का जरिया बन रही है। महिलाएं अपनी अपनी प्रतिभाएं जैसे की सिलाई, कढ़ाई करना, आचार, पापड़, मिठाई बनाना को इस्तेमाल करके आमदनी करती है। इससे ना सिर्फ महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिलती लेकिन इसके साथ आप सभी को घर का बने हुए शुद्ध और विशिष्ट खाद्य पदार्थ भी प्राप्त होते है।
हमारे पास सभी प्रकार के देशी स्वादिष्ट पापड़, आचार, बड़ी, लड्डू इत्यादि उपलब्ध है।

Image
Image

कंपनी के उद्देश्य

icon01

पारम्परिक कृषि के साथ औषधि, वनस्पति, सब्जी, फलदार पौधों की उन्नत खेती करना सिखाना एवं आत्मनिर्भर बनाना ।

icon01

किसानों का समूह बनाकर प्राकृतिक खेती करके पशुओं की उपयोगिता प्रशिक्षण एवं पशु पालन करवाना ।

icon01

ग्रामीण क्षेत्रों से शहर की ओर पलायन कर रहे बेरोजगार लोगों को गांव में रोजगार से जोड़ना |

icon01

घर में महिलाएं कई तरह के देशी उत्पाद बनाकर रख लेती हैं जैसे बरी, पापड़ खीचला अचार नमकीन, लड्डू, बेसन, सूजी, मैदा एवं सभी प्रकार की दालें इत्यादि को लोकल फॉर बोकल बनाकर मार्केट में उतारकर महिला शक्ति को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाना ।

icon01

हमारे देश में विलुप्त हो रहे देशी प्राकृतिक अनाज जैसे जौ जवा ज्वार मकई अलसी कुदवा लाल कठिया गेंहू इमल्या चना आदि । फल- सीताफर, रामफल, अखरोट, खिन्नी सब्जियां – कंदूख, मेनर, पड़ौरा, करेली, देशी लौकी, गिल्की, तुरई, परमल आदि देशी बीजों से पुनः खेती करवाना ।

icon01

नारी शक्ति को रोजगार से जोड़ना जैसे सिलाई, कड़ाई, बुनाई सिखाना और उनके द्वारा बनाये वस्त्रों को मार्केट में लाना ।

icon01

शिल्पकारों एवं कारीगरों से मूर्तियां तैयार करवाना ।

icon01

मत्स्य पालन, कुटकुट पालन, मधुमक्खी पालन, पशु पालन सिखाना और करवाना ।

icon01

महिलाओं को उनके अधिकार दिलाना ।